घुमावती गुप्त मंत्र साधना
दस महाविद्याओं में सातवें स्थान में अवस्थित, कुरूप तथा अपवित्र देवी धूमावती धुएं के रूप में विद्यमान, धनहीन, अशुभता, दुर्भाग्य से सम्बंधित, विधवा देवी धूमावती । देवी धूमावती को आज-तक कोई योद्धा युद्ध में परास्त नहीं कर पाया, तभी देवी का कोई संगी-साथी नहीं हैं । देवी धूमावती की उपस्थिति, सूर्य अस्त के प्रदोष काल से रात्रि पर्यंत रहती है तथा देवी अंधकारमय स्थानों पर आश्रय लेती हैं या निवास करती हैं, अन्धकार इन्हें प्रिय हैं !!
मां धूमावती महाशक्ति स्वयं नियंत्रिका हैं। ऋग्वेद में रात्रिसूक्त में इन्हें ‘सुतरा’ कहा गया है। अर्थात ये सुखपूर्वक तारने योग्य हैं। इन्हें अभाव और संकट को दूर करने वाली मां कहा गया है। तंत्र मंत्र जादू टोना बुरी नजर और भूत प्रेत आदि समस्त भयों से मुक्ति के लिए धूमावती देवी की साधना करें।।
धूमावती श्री विहीनता अपने सूप में लेकर चली जाती है. जीवन से दुर्भाग्य, अज्ञान, दुःख, रोग, कलह, शत्रु विदा होते ही साधक ज्ञान, श्री और रहस्यदर्शी हो जाता है और साधना में उच्चतम शिखर पे पहुच जाता है ! क्रोधमय ऋषियों की मूल शक्ति धूमावती हैं जैसे दुर्वासा, अंगीरा, भृगु, परशुराम आदि ।। देवी मंत्र शक्ति से हवन किया जाय, नीम की पत्तियों सहित घी का होम करने से लम्बे समस से चला आ रहा ऋण नष्ट होता है ।।
मीठी रोटी व घी से होम करने पर बड़े से बड़ा संकट व बड़े से बड़ा रोग अति शीध्र नष्ट होता है ।।धूमावती।
अन्य नाम : चंचला, गलिताम्बरा, विरल-दंता, मुक्त केशी, शूर्प-हस्ता, काक ध्वजिनी, रक्षा नेत्रा, कलह प्रिया।
भैरव : विधवा, कोई भैरव नहीं।
भगवान विष्णु के २४ अवतारों से सम्बद्ध : भगवान मत्स्य अवतार।
कुल : श्री कुल।
दिशा : आग्नेय कोण।
स्वभाव : सौम्य-उग्र।
कार्य : अपवित्र स्थानों में निवास कर, रोग, समस्त प्रकार से सुख को हरने, दरिद्रता, शत्रुों का विनाश करने वाली।
शारीरिक वर्ण : काला।
घुमावती की माला व यंत्र लेकर निम्नलिखित किसी भी मंत्र की साधना करें.
माँ धूमावती देवी सप्ताक्षरी मंत्र
1- धूं धूमावती स्वाहा॥
माँ धूमावती देवी अष्टाक्षरी मंत्र ||
धूं धूं धूमावती स्वाहा॥
माँ धूमावती देवी दशाक्षरी मंत्र ||
धूं धूं धूं धूमावती स्वाहा॥
माँ धूमावती देवी चतुर्दशाक्षरी मंत्र ||
धूं धूं धुर धुर धूमावती क्रों फट् स्वाहा॥
माँ धूमावती देवी पंचादश मंत्र ||
ॐ धूं धूमावती देवदत्त धावति स्वाहा॥
माँ धूमावती देवी गायत्री मंत्र ||
ॐ धूमावत्यै विद्महे संहारिण्यै धीमहि तन्नो धूमा प्रचोदयात्॥माँ धूमावती स्तुति ||
Maa Dhumavati Stuti
विवर्णा चंचला कृष्णा दीर्घा च मलिनाम्बरा,
विमुक्त कुंतला रूक्षा विधवा विरलद्विजा,
काकध्वजरथारूढा विलम्बित पयोधरा,
सूर्पहस्तातिरुक्षाक्षी धृतहस्ता वरान्विता,
प्रवृद्वघोणा तु भृशं कुटिला कुटिलेक्षणा,
क्षुत्पिपासार्दिता नित्यं भयदा काल्हास्पदा |
माँ धूमावती कवच ||
श्रीधूमावतीकवचम्
श्रीगणेशाय नमः ।
अथ धूमावती कवचम् ।
श्रीपार्वत्युवाच –
धूमावत्यर्चनं शम्भो श्रुतं विस्तरतोमया ।
कवचं श्रोतुमिच्छामि तस्या देव वदस्व मे ॥ १॥
श्रीभैरव उवाच –
शृणुदेवि परं गुह्यं न प्रकाश्यं कलौयुगे ।
कवचं श्रीधूमावत्याश्शत्रुनिग्रहकारकम् ॥ २॥
ब्रह्माद्यादेवि सततं यद्वशादरिघातिनः ।
योगिनोभवछत्रुघ्ना यस्याध्यान प्रभावतः ॥ ३॥
ॐ अस्य श्रीधूमावतीकवचस्य पिप्पलाद ऋषिः अनुष्टुप्छन्दः श्रीधूमावती देवता
धूं बीजम् स्वाहाशक्तिः धूमावती कीलकम् शत्रुहनने पाठे विनियोगः ।
ॐ धूं बीजं मे शिरः पातु धूं ललाटं सदावतु ।
धूमानेत्रयुगं पातु वती कर्णौसदावतु ॥ ४॥
दीर्घातूदरमध्ये तु नाभिं मे मलिनाम्बरा ।
शूर्पहस्ता पातु गुह्यं रूक्षारक्षतु जानुनी ॥ ५॥
मुखं मे पातु भीमाख्या स्वाहा रक्षतु नासिकाम् ।
सर्वं विद्यावतु कष्टं विवर्णा बाहुयुग्मकम् ॥ ६॥
चञ्चला हृदयं पातु दुष्टा पार्श्वं सदावतु ।
धूतहस्ता सदा पातु पादौ पातु भयावहा ॥ ७॥
प्रवृद्धरोमा तु भृशं कुटिला कुटिलेक्षणा ।
क्षृत्पिपासार्दिता देवी भयदा कलहप्रिया ॥ ८॥
सर्वाङ्गं पातु मे देवी सर्वशत्रुविनाशिनी ।
इति ते कवचं पुण्यं कथितं भुवि दुर्लभम् ॥ ९॥
न प्रकाश्यं न प्रकाश्यं न प्रकाश्यं कलौ युगे ।
पठनीयं महादेवि त्रिसन्ध्यं ध्यानतत्परैः ।
दुष्टाभिचारो देवेशि तद्गात्रं नैव संस्पृशेत् ॥ १०॥
इति भैरवी भैरव संवादे धूमावती तत्त्वे धूमावती कवचं सम्पूर्णम् ।
- घुमावती देवीघुमावती देवी मां धूमावती जयंती मां धूमावती देवी रहस्यमयी देवी हैं। 10 महाविद्याओं में सातवीं विद्या मानी गई हैं। अन्य विद्या जहां श्री यानी धन … Continue reading घुमावती देवी
- महाविद्या धूमावती मंत्र साधनाDhumaVati Tantra महाविद्या धूमावती मंत्र साधना प्रयोग धर्म अर्थ काम मोक्ष प्रदान करने वाली देवी है —“महाविद्या धूमावती देवी”। एक बार देवी पार्वती भगवान शिव … Continue reading महाविद्या धूमावती मंत्र साधना
- त्रिक्ष्ण धूमावती तंत्र बाधा निवारणDhumavati त्रिक्ष्ण धूमावती साधना ( मारण प्रयोग या तंत्र बाधा निवारण के लिए ) धूमावती माँ का नाम सुनते ही , बड़े से बड़े तांत्रिक, … Continue reading त्रिक्ष्ण धूमावती तंत्र बाधा निवारण
- घुमावती मंत्र साधना एंव कवचघुमावती गुप्त मंत्र साधना दस महाविद्याओं में सातवें स्थान में अवस्थित, कुरूप तथा अपवित्र देवी धूमावती धुएं के रूप में विद्यमान, धनहीन, अशुभता, दुर्भाग्य से … Continue reading घुमावती मंत्र साधना एंव कवच
- घुमावती हवन यज्ञDhumavati Yagna Hawan Service 10 MahaVidhya Hawan Online Service 10 महाविधा हवन सर्विस 🔥
- घुमावती देवीघुमावती तंत्र साधना सिद्धि Tantra Shop Online Das Maha Vidhaya 10 Great goddess of universe. महाकाली तंत्र मंत्र साधना तारा देवी मंत्र तंत्र साधना त्रिपुरा … Continue reading घुमावती देवी